सारांश
एक छोटे से गाँव में, जहाँ वक़्त ठहरी हुई नदी सा बहता है, एक रहस्यमय घटना बचपन की मासूमियत को लील जाती है। कहानी एक ऐसे बच्चे की तलाश है जो अचानक गायब हो जाता है, और उसके पीछे छूट गए माँ-बाप के अथाह दर्द और अटूट विश्वास की दास्तान है। यह उपन्यास गाँव की शांत फिजाओं में छिपे गहरे राज़ों, टूटते रिश्तों, और उम्मीद की एक बारीक लौ की पड़ताल करता है। क्या वे अपने गुमशुदा बचपन को वापस पा सकेंगे, या यह तलाश उन्हें किसी ऐसी सच्चाई के मुहाने पर ले जाएगी जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी?